अंकशास्त्र: केवल मूलांक काफी नहीं है!

अंकशास्त्र कोअर नंबर्स

महावीर सांगलीकर

Senior Numerologist & Graphologist
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अंकशास्त्र के अनुसार सलाह देनेवाले या अंकशास्त्र का उपयोग खुद के लिए करनेवाले ज्यादातर लोग केवल मूलांक का विचार करते हैं. कुछ लोग नामांक का भी विचार करते है. लेकिन केवल मूलांक या नामांक से, या इन दो ही अंकों का विचार करने से किसी व्यक्ति का पूरा आकलन किया नहीं जा सकता है, ना ही उसे उचित सलाह दी जा सकती है.

वास्तव में हर व्यक्ति से संबंधित कम से कम 20 अलग-अलग अंक होते हैं, जो संबंधित व्यक्ति के गुणदोषों के बारे में कुछ गहरी जानकारी देते हैं. उन 20 अंकों में 6 ऐसे अंक हैं, जो जादा महत्वपूर्ण होते है. इन 6 अंकों को कोअर नंबर्स कहा जाता है. इस लेख में हम कोअर नंबर्स के बारे में जानेंगे.

6 कोअर नंबर्स

6 कोअर नंबर्स इस प्रकार हैं:

लाईफ पाथ नंबर (भाग्यांक)
ऍटिट्यूड नंबर
बर्थ नंबर (मूलांक)
एक्सप्रेशन नंबर (डेस्टिनी नंबर)
हार्ट’स डिझायर नंबर (सोल अर्ज नंबर)
पर्सनॅलिटी नंबर

इनमें से लाईफ पाथ नंबर, ऍटिट्यूड नंबर और बर्थ नंबर व्यक्ति की जन्मतारीख से निकाले जाते हैं, जब कि एक्सप्रेशन नंबर, सोल अर्ज नंबर और पर्सनॅलिटी नंबर व्यक्ति के पूरे नाम से निकाले जाते हैं.

लाईफ पाथ नंबर (भाग्यांक)

पूरी जन्मतारीख में जो अंक होते हैं, उनको जोड़ने पर हम जो अंक पाते है, वह लाईफ पाथ नंबर होता है. जैसे कि 15.03.1989 = 1+5+0+3+1+9+8+9 = 36. चूं कि यह जोड़ दो अंकों में है, उन्हें फिर से जोड़ना चाहिए. 36 = 3+6 = 9. इस प्रकार यहां लाईफ पाथ नंबर 9 है.

लाईफ पाथ नंबर अन्य किसी भी अंक से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. इस नंबर से जाना जा सकता है कि संबंधित व्यक्ति का जीवन किस दिशा में जा सकता है.

ऍटिट्यूड नंबर

जन्मतारीख और जन्म महिना इनमें जो अंक हैं, उन्हें जोडने पर जो अंक मिलता है उसे ऍटिट्यूड कहा जाता है. उदा. 15 मार्च =15.03 =1+5+0+3=9. यहां 9 ऍटिट्यूड नंबर है.

ऍटिट्यूडनंबर आपका ऍटिट्यूड कैसा है इस बात को दर्शाता है, साथ ही इस नंबर से आपकी अंदरूनी क्षमताओं के बारे में जाना जा सकता है.

बर्थ (मूलांक)

व्यक्ति का जन्म महीने की जिस तारीख पर हुआ है, उस तारीख से बर्थ नंबर निकाला जाता है. अगर यह तारीख 1 से 9 में से एक हो, तो वही तारीख उस व्यक्ति का बर्थ नंबर होता है. जन्मतारीख अगर 11 से 31 में से एक हो, तो चूं कि यह तारीख दो अंकों में है, उन अंकों को जोड़ने पर हम बर्थ नंबर पाते है. जैसे कि जन्मतारीख 12 हो तो 1+2 = 3, इसलिए यहां 3 यह बर्थ नंबर है. उसी प्रकार जन्मतारीख 25 हो तो 25 = 2+5 = 7 यह बर्थ नंबर है.

बर्थ नंबर से संबंधित व्यक्ति का सामान्य और विशेष स्वभाव, गुणदोष आदि जाने जा सकते हैं.

एक्स्प्रेशन या डेस्टिनी नंबर

व्यक्ति के पूरे नाम में जितने भी अक्षर हैं, उन्हें अंकों में बदल कर उन अंकों को जोड़ने पर हम जो नंबर पाते है, वह एक्सप्रेशन नंबर होता है. इसे डेस्टिनी नंबर भी कहा जाता है. अगर यह जोड़ दो या तिन अंकों में है, तो उन अंकों को फिर से जोड़ना चाहिये, ता कि हम एक अंक पा सके. जैसे कि मान लीजिये, इन अंकों का जोड 35 आता है, तो इन अंकों को जोडना चाहिए. (3+5=8).

एक्सप्रेशन नंबर से हमें संबंधित व्यक्ति के गुण, कौशल आदि का पता चल सकता है. इसी प्रकार इस नंबर से जाना जा सकता है कि संबंधित व्यक्ति का जीवन किस प्रकार का होगा.

हार्ट’स डिझायर नंबर (सोल अर्ज नंबर)

पूरे नाम में जितने भी स्वर (Vowels) हैं (A, E, I, O, U), उनको अंको में बदलकर उनको जोडनेपर हमें जो नंबर मिलता है, वह हार्ट’स डिझायर नंबर सोल अर्ज नंबर होता है. अगर यह जोड़ दो या तिन अकों में है, तो उन अंकों को फिर से जोड़ना चाहिये, ता कि हम एक अंक पा सके.

हार्ट’स डिझायर नंबर से संबंधित व्यकि की आंतरिक इच्छा-आकांक्षाओं, पॅशन्स के बारे में पता चल सकता है.

पर्सनॅलिटी नंबर

पूरे नाम में जो भी व्यंजन (Consonants) हैं, उनको अंको में बदलकर उनको जोडने पर हमें जो नंबर मिलता है, वह पर्सनॅलिटी नंबर होता है. अगर यह जोड़ दो या तिन अकों में है, तो उन अंकों को फिर से जोड़ना चाहिये, ता कि हम एक अंक पा सके.

पर्सनॅलिटी नंबर से यह जाना जा सकता है कि संबंधित व्यक्ति की लोगों में इमेज किस प्रकार की है.

अक्षर और उनकी अंकों में कीमत

नाम पर आधारित नंबर्स निकालने के लिए हमें नेम न्यूमरॉलॉजी की सहायता लेनी पड़ती है. नेम न्यूमरॉलॉजी में अंग्रेजी वर्णमाला के हर अक्षर को एक नंबर दिया गया है, और उसके अनुसार नाम को अंकों में बदला जाता है. पायथागोरियन सिस्टिम के अनुसार यह अक्षर और अंक इस प्रकार होते हैं:

A, J, S = 1
B, K, T = 2
C, L, U = 3
D, M, V = 4
E, N, W = 5
F, O, X = 6
G, P, Y = 7
H, Q, Z = 8
I, R = 9

याद रहें कि कोअर नंबर्स पाने के लिए व्यक्ति के उस पूरे नाम का विचार किया जाता है जो बचपन से चला आ रहा है (जैसे कि स्कूल सर्टिफिकेट में दर्ज पूरा नाम).

किसी व्यक्ति के सही आकलन के लिए ऊपर दिये गये 6 कोअर नंबर्स का विचार करना चाहिये.

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